उजाले की ओर –संस्मरण

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स्नेहिल नमस्कार मित्रो          दो दिन हुए मेरे पास अहमदाबाद आकाशवाणी से प्रिय दीपशिखा का वाटसैप पर मैसेज आया कि उनकी मम्मी को इस उपन्यास की कहानी बहुत अच्छी लगी कटिंग के साथ!     यह 'महायोग' शीर्षक का उपन्यास 2015 में दिल्ली प्रेस से 17 अध्यायों में प्रकाशित हुआ था।     दीपशिखा हमसे बहुत छोटी हैं और जब मैं प्रिय स्व.साधना बहन (आकाशवाणी,अहमदाबाद की पूर्व निदेशक के साथ पं ब्रजभूषण काबरा जी,प्रसिद्ध 'गिटारिस्ट' के साक्षात्कार की सीरिज़ पर केन्द्र के लिए स्क्रिप्ट तैयार कर रही थी तब दीपशिखा ने आकाशवाणी अहमदाबाद में जाॅयन किया था।वह मुझसे बरसों से