श्रेया अपने दोनो हाथों से आकाश का हाथ कसके पकड़कर सो रही थी। आकाश ने धीरे से खुद को श्रेया से दूर किया। आकाश धीरे से उसके रूम से निकलके लिविंग रूम के सोफा पे जाके बैठ। वह सोफा के ऊपर अपना सिर टिकाए आंखे बंध करके बैठा हुआ था। थोड़ी देर बाद उसने अपना फोन निकाला और देखा कि रात के सादे तीन बज चुके थे। उसने बिना कुछ सोचे समझे जय को फोन लगाया। जय का कॉल बिजी आ रहा था। उसने तुरंत ही फिरसे जय को फोन लगाया। इस बार थोड़ी देर में जय ने फोन रिसीव कर