अब आगे,उस आदमी के मुंह से अपनी बेटी के बारे मे सुनकर अब पूनम जी ने अपने आपको समझाते हुए अपने मन में कहा, "देख ये एक न एक दिन तो होना ही था और मैं कब तक अपनी बेटी के अतीत को उसके होने वाले ससुराल और उसके पति से छुपा लेती क्योंकि ये अतीत ऐसी चीज होती हैं जो न तो कभी हमारा पीछा छोड़ती हैं और न ही हमें कभी ये सब भूलने देती हैं तो अब जो भी होगा वो देखा जाएगा क्योंकि मैं और मेरी बेटी कब तक उसके अतीत से भागते रहेंगे..!" पूनम जी अपने