" बिना चेन के मन है बेचेन,यही है न आपकी शिकायत " स्वामी जी ने पूछा" चेन और चैन,दो अलग शब्द हैं स्वामी जी " राम लाल बोला" देखो,बिना चेन का मन क्या बेचेन नहीं होगा,और चेन नही तो चैन कहाँ से मिलेगा ?"राम लाल की आँखे खुल गई" अब चेन किसी को पसंद नहीं होती न,तो सबसे पहले आप मन को suggestion दो ,यह चेन नहीं है,यह समर्पण भी नहीं है,यह अर्पण है बस "" अर्पित किसको करूँ?"" अपने मन को कहिये कि वो बन्धने नहीं, अपने नियंत्रक के पास जा रहा है "" यह बंधन है पर इस