पश्चाताप - ભાગ ૧૧ एक धनवान व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। अपने उदार स्वभाव और कर्मों के कारण वह धीरे-धीरे निर्धन हो गया। पैसों की कमी के कारण जीवन की कष्टप्रद वास्तविकता को सहते हुए, एक दिन उसकी पत्नी ने कहा, "जब हमारे अच्छे दिन थे तब आपकी राजा से अच्छी मित्रता थी। आज हमारी इस स्थिति में वे हमारी मदद नहीं करेंगे, जैसे श्रीकृष्ण ने सुदामा की की थी?" धनवान ने कहा, "मुझे डर है कि जैसे श्रीकृष्ण के समकालीन द्रुपद राजा ने द्रोणाचार्य को अपमानित किया था, कहीं मेरी भी ऐसी ही दुर्गति न हो