औरकिसकन्ध्या लौट आये थे।यहाँ पर मधुबन में रुके और हनुमानजी ने मुक्के मारकर रक्षकों को भगा दिया और फल तोड़कर खाने लगे।रक्षकों ने सुग्रीव के पास जाकर कहा"हनुमानजी ने हमे मारकर भगा दिया और मधुबन में फल तोड़कर खा रहे हैं।"क्या हनुमान लौट आये?"सुग्रीव ने पूछा था।"हां महाराज।""वह मधुबन में फल खा रहे हैं?""हा महाराज।""मतलब वह काम मे सफलता पाकर लौटे हैं?,सुग्रीव समझ गए कि हनुमान माता सीता का पता लगा आये हैं।तभी खुश हैं और मधुबन के फल खा रहे हैं।अगर उन्होंने सीता का पता न लगाया होता तो फल न खाते।और वह अपने अंगरक्षकों के साथ चल दिये।वह