रात के दस बजे का समय था। शहर की सड़कों पर हलचल कम हो चुकी थी, और बसें भी अब कम ही चल रही थीं। एक आदमी, जिसका नाम राज था, अपनी रोज़मर्रा की थकान के साथ बस में चढ़ा। उसने देखा कि बस में पीछे की तरफ कोई दरवाजा नहीं था, यानी उतरने के लिए उसे आगे का दरवाजा ही इस्तेमाल करना होगा। यह बात उसे थोड़ी अजीब लगी, लेकिन उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।"वो पिछली सीट पर बैठी थी, बार बार मुझे देख रही थीदेख के लगता था कोई बहार आ गई हो या किसी रिम झिम ने