उससे कहना कि . . . कहानी/sharovan ***‘क्यों आते हो यहाँ बार-बार? मत आया करो. ऐसे आने से लाभ भी क्या, जब तुम में मुझको अपने घर ले जाने का साहस ही नहीं है. अपनी मम्मी से तुम बात नहीं कर सकते हो? अपने पापा के सामने भी तुम खड़े नहीं हो सकते हो, तो फिर मुझे कैसे और किस प्रकार मांग सकते हो? मैं अकेली ही सही, किसी दूसरे की भी अगर हो हो गई तौभी तुम्हें क्या फर्क पड़ेगा? बार-बार आते हो यहाँ, क्या मिल जाएगा तुमको? सिवाय इसके कि मैं ही बदनाम हो जाऊंगी, मेरे मम्मी और