इंस्पेक्टर ने राज के खिलाफ सी. सी. टी. वी. में क़ैद सारे सबूत देख लिए थे। अब उसने बिना देर किये राज को गिरफ्तार कर उसके हाथों में हथकड़ी पहना दी। राज अब कुछ भी नहीं कर सकता था। उसके पाखंड के खेल का अंत आ चुका था। वह मन ही मन ख़ुद को कोस रहा था कि उसके ज़्यादा शराब पीने के कारण ही यह हुआ है। उसे प्रिया के कारनामे की तो भनक तक नहीं लग पाई थी, ना ही वह कभी उसे दिखाई ही दी थी। उसे तो लग रहा था कि मौलिक ने ही पूरी खोज