दीवारों के पार: सूरजपुर की नई सुबह

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सूरजपुर गाँव, जहाँ जाति व्यवस्था ने लोगों की सोच और रिश्तों पर गहरी छाप छोड़ी थी। गाँव के अधिकांश लोग एससी समुदाय के थे, लेकिन समुदाय के भीतर भी कई जातियों का वर्गीकरण था। इस वर्गीकरण ने गाँव के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर बना दिया था।रामलाल, गोंड जाति का एक साधारण किसान था। वह मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसकी जाति के कारण गाँव में उसे हमेशा नीचा दिखाया जाता था। दूसरी ओर, मेना जाति के लोग, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से थोड़ा सशक्त थे, गाँव की सत्ता पर काबिज थे।मुखिया शंकर, मेना जाति का था। वह गाँव