नफ़रत-ए-इश्क - 10

श्लोक अब बस विराट के पागलपन को डर और सहमी नजरों से देखे जा रहा था।कुछ फलों के बाद विराट के पुरे कमरे का नजारा कुछ यूं था जेसे अभि अभि कोई तेज तूफान गुजर कर गया हो। पुरे कमरे में कांच के टुकड़े बेखरे पड़े थे। विराट ने मिरर को पंच मारकर उसे चकनाचूर कर दिया था। और साथ ही साथ रूम के हर सामान को अपने पंच से तहस नहस कर रहा था। चीखते दहाड़ते हुए वो कमरे के हर सामान को तोड़ चुका था।कुछ पल में कमरे के सारे सामान टूट चूके थे और विराट की ताक़त