इश्क दा मारा - 26

MLA साहब की बाते सुन कर गीतिका के घर वालों को बहुत ही गुस्सा आता है। तभी गीतिका के डैड चिल्ला कर बोलते हैं , "MLA साहब आप ये कैसी बात कर रहे हैं मेरी बेटी के बारे मे"।तब MLA साहब बोलते हैं, "क्यों बेटी का सच जान कर अच्छा नहीं लग रहा है, वैसे तो बड़े ही शरीफ बनते हैं आप लोग, और इस तरह के घटिया काम करवाते हैं आप अपनी बेटी से "।तब गीतिका की मॉम बोलती है, "भाई साहब हम लड़की वाले है तो इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आपका जो जी चाहेगा