आखेट महल - 15

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पन्द्रह आखेट महल और उसके आसपास का इलाका धीरे-धीरे ऐसा आकार लेता जा रहा था कि उसे पहचान पाना मुश्किल था। बरसों से वीरान पड़े इलाके की काया पलट हो गयी थी। इस क्षेत्र में जमीन बंजर व पथरीली होने से खेती के लायक भाग बहुत कम था। इसी से बड़ी-बड़ी हवेलियाँ व महल ही इस क्षेत्र की शोभा बढ़ा रहे थे। ऐतिहासिक महत्त्व के उस वीराने ने न जाने कौन-कौन से काल में किस-किस रियासत का वैभव भोगा था। बहुत-सी इमारतें खण्डहर हो जाने का एकमात्र कारण यही था कि इन हवेलियों और महलों के वारिस इनसे पलायन करके