...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ इसलिए मीनाक्षी को मुझसे कोई वैसा भय नहीं, जैसा आम पुरुषों से होता है! इसके उलट मेरी आकर्षक सजधज- आधी बाँह का कुर्ता, किनारीदार पटका, गले में माला-दुशाला, उँगलियों में अँगूठियाँ, भाल पर तिलक, कंधों तक झूलते केश और क्लीन शेव्ड चहरा देख युवतियाँ तक प्रभावित हो जातीं। और मैं बोलता तब तो पुरुष भी सम्मोहित हो जाते। फर्श बुहारते अपने पटके का छोर सम्भाले जब छोटे-छोटे कदमों से मंच की ओर बढ़ता, जैसे कोई दुल्हन लहँगा उठाये स्टेज पर जाती है; नर-नारी सभी की नजरें जमी रह