तीन दिन बीत चुके थे, लेकिन मनोज और आदित्य की चोटों की कसक अब भी सहदेव के ज़हन में थी। कंपनी में नई मैनेजर मनीषा के स्वागत के लिए होटल में पार्टी का आयोजन हुआ था। उस रात, सब कुछ अच्छा लग रहा था, जब तक देर रात का सफ़र एक अप्रत्याशित मोड़ नहीं ले आया। पार्टी खत्म होते-होते रात के 10 बज चुके थे। सहदेव, मनोज, और आदित्य ने अपनी बाइक अपनी सहकर्मी महिलाओं को दे दी थी ताकि वे सुरक्षित घर पहुंच सकें। तीनों पैदल ही होटल से निकल पड़े। ठंडी हवा और सड़क की खामोशी ने उन्हें दिनभर