अंगद - एक योद्धा। - 9

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अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था नहीं चेतना का, नए उत्साह का , नए साहस का। परंतु हर उपलब्धि की कुछ कीमत होती है, अंगद ने अपनी नई कौशलता, तेज व बल से परिचय तो किया, उन्हें स्वीकार भी किया, समझ भी लिया परंतु यह सब क्यों हुआ, वह क्या कारण है, तरह इस तरफ उसका ध्यान ही न गया।क्षमताओं के भव्य शौर में उसकी पवित्र जिज्ञासा कहीं  छिप गई थी।  इसलिए मैं इससे सहमत हूं कि मनुष्य भी किसी पशु से भिन्न नहीं है। जैसे किसी पालतू पशु को समय से