वाजिद हुसैन सिद्दीकी की कहानीवह एम.एस.सी, पी.एच.डी थी पर अपने को हाई स्कूल बताकर इस दूर दराज़ के कॉलेज में लैब गर्ल की नौकरी कर रही थी। बेचारी माधुरी! अगर कोई समय पर मदद कर देता तो वह भी इस डिग्री कालेज में प्रोफेसर होती। होने को तो अब भी हो सकती है पर समाज को पता चल जाएगा, वह रेप विक्टिम है। उसकी छवि दाग़दार हो जाएगी। कॉलेज का स्टाफ और स्टूडेंटस उस पर, फिकरे कसेंगे, बे सिर-पैर की बातें करेंगे। उसकी परिस्थिति उस मेंढक जैसी हो जाएगी जिसके बारे में गांधी जी ने कहा है, 'ओनली