आज के युग मैं जरूरी हैँ सामने वाले की पहचान उसकी भाषा मैं बोलनेकी कला. हा जरूरी हैँ की आदमी की पहचान 100% इसीसे ना करें. ये तो बस first impression को पहचानने के लिए एक नुशखा हैँ... पुरानी समय की बात हैँ तभी मोबाइल या social media नहीं था...मजा आएगा... पढ़ते रहो, पढ़ाते रहो, रातको जब बैठे सब साथ मैं तो एक नयी कहानी सुने या कहे, ये सब लोग चालू करें, देखना मोबाइल हमसे 20 मिनिट दूर रहेगा ओर बाद मैं विमर्श कीजिये..... मज़ा लेना आना चाहिए.....*एक बार एक राजा अपने सहचरों के साथ शिकार खेलने जंगल में