आदित्य के वहा से जाने के बाद स्वाति भी अंडर आ जाती हैं.... तभी स्वाति की मम्मी उसे कहती हैं: चलिए खाना खा लीजिए .. वो इतना कह कर स्वाति को खाना खाने के लिए कह देती है! स्वाति भी उनके साथ खाना खाने बैठ जाती हैं....खाना खाने के बाद स्वाति अपने कमरे में चली जाति है .. चांद की सुनहरी रोशनी आज पूरे आसमान में छा रही थी! ठंडी ठंडी हवाई से स्वाति के गाल गुलाबी हो गए थे! स्वाति चांद की ओर गहरी सांस लेकर खड़की के बाहर देखती हैं! ओर अपनी आंखे बंध कर देती हैं,।।। उसके