पटारा फिर खुल गया हैँ, कपड़ो के निचे से कागज़ मिलते रहते हैँ, पढ़ने मैं मज़ा आती हैँ. *"दोस्त की सीख"*यह कहानी है एक छोटे से गाँव के दो बच्चों की—राहुल और सोनू। दोनों अच्छे दोस्त थे और साथ में खेलना-कूदना और पढ़ाई करना पसंद करते थे। राहुल पढ़ाई में थोड़ा कमजोर था, जबकि सोनू होशियार था और सभी विषयों में अच्छा करता था।**एक दिन राहुल उदास बैठा था। सोनू ने उससे पूछा, "क्या हुआ राहुल? तुम इतने दुखी क्यों हो?"**राहुल ने धीरे से कहा, "मुझे लगता है कि मैं कभी भी अच्छे अंक नहीं ला पाऊंगा। मुझे पढ़ाई में बहुत