अध्याय 11 पिछला अध्याय का सारांश- ‘कार्तिका इंडस्ट्रीज’ के मालिक कार्तिका के साथ तिरुपति अपने सहायक धनंजय के साथ गई। रास्ते में उन्हें नकली पुलिस वालों ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की वहां से भी बचकर निकलें। नकली पुलिस वालों के बारे में पुलिस को उन्होंने सूचना दी और फिर तिरुपति जाकर दर्शन करके कार्तिका के पिताजी के एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी में डाला। दर्शन करके वापस आते समय इन्होंने जिससे कंप्लेंट किया था उन्होंने इनके रास्ते को रोक कर उनसे बचकर निकल गए वह कौन से आदमी है उन लोगों ने पूछा। इंडस्ट्री के