मनोविज्ञान

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बाल कहानी - मनोविज्ञानरोशनी ने देखा कि उसका पति कमाई कर उसी के खाते में रुपए जमा कर देता है। उसको एटीएम कार्ड चलाना भी आता है। इसलिए उसने गाँव से बाहर निकल आना उचित समझा।अगले दिन सास-ससुर को मनाया बुझाया। बेटे के विद्यालय से पत्रजात निकाल कर लायी और मायके से लगे बाजार में किराए पर घर लेकर रहने लगी। नये परिवेश में उसे आनन्द आ रहा था। अगले दिन रोशनी ने मानिक का पंजीकरण एक निजी विद्यालय में करवाया। मानिक को विद्यालय में छोड़ दिया। मध्यान्तर होते ही मानिक कक्षा से बाहर निकला। उसके हाथ में थाली थी। वह