राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 14

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उसी समय विभीषण दरबार मे चले आये"यह दूत है।औऱ दूत की हत्या नियम विरुद्ध है विभीषण की बात का समर्थन और भी कई दरबारियों ने किया था।"दूत है लेकिन दूत ने नियम विरुद्ध काम किये हैं।दूत होकर लंका में चोरी छिपे आये।अशोक वाटिका को उजाड़ दिया और इतना ही नही इसने हमारे सेनिको भी मार दिया,"रावण बोला,"इसके कर्मो कि सजा इसे जरूर मिलेगीरावण कि बात सुनकर कुछ देर के लिए सभा मे सन्नाटा छा गया।फिर कोई बोला,"सजा ऐसी होनी चाहिए जो यह हमेशा याद रख"यह बात सही है,"रावण उसकी बात सुनकर बोला,"सिर्फ यह ही याद हज रखे।दूसरे लोग भी सबक