बीच के क्षण

  • 3.7k
  • 1.1k

अध्याय 1: संयोग बारिश की हल्की-हल्की बूँदें कैफ़े की खिड़कियों से टकराकर एक सुकून भरी धुन बना रही थीं। ऐसी ही एक शाम में, आरव कैफ़े के दरवाज़े से अंदर आया, अपने गीले जैकेट को हल्के से झाड़ते हुए। कैफ़े का माहौल भीगते हुए शहर के विपरीत, गर्मजोशी और सुकून से भरा था। हर तरफ लोगों की हल्की-फुल्की बातचीत, कॉफी के प्यालों की खनक और ताज़ी बेकरी की ख़ुशबू फैली हुई थी। आरव ने जैसे ही जगह की तलाश में चारों तरफ देखा, उसकी नज़र एक खिड़की के पास बैठी एक लड़की पर पड़ी। उसके चेहरे का आधा हिस्सा एक