राखी ने दरवाजा खटखटाने की कोशिश की पर खुला होने की वजह से दरवाजा अपनेआप ही हलका सा खुल गया। वो जैसे ही अंदर गई, उसने रॉनित को काउच पे बैठा हुआ देखा। अपनी आंखे बंध किए वो हेडफोन लगाए बैठा था।उसे देखते ही राखी के मन में खयाल आया, "सच अ बेशरम आदमी.. कैसे आराम से बैठा हुआ है, सब काम मुझसे करवाया।" राखी गुस्से में थी"मिस सुद.. आप कब आई?" रॉनित की आवाज सुन राखी अपने ख्यालों से बाहर आई।"जस्ट अभी, सर..। डोर ओपन था, आई नॉक्ड... औ.. और खुल गया।।"राखी को क्लैरिफिकेशन देता दिख वो बोला, "मैंने ही