---"शुरुआत कही से भी कर, लालच खत्म कर ही देता है। "कहने पे मत जाना, कुछ जीवन मे घटक होना ही तौफीक होती है। बर्दाश्त कितनी देर करोगे। ____"राहुल मेरे बेटे भूलने को, अरसे लगे गे।" बाबा जी (दादा जी ) ने आख़री सास लेते हुए आपनी चेयर पर ही दम तोड़ दिया था। ये एक झटका था, एक ओर.... मिलो के मजदूरौ के घर खाना राहुल ने भेजवा दिया था। दस हजार मजदूर राहुल के साथ खडे थे। लीडर मजदूरों का बिमल कांत था। उसकी बेटी