अगले दिन अदिति किचेन का सारा काम समेट कर .... सोचा आज रिवान जी का अलमीरा साफ कर दूं !!सारा कपड़े एधर - उधर कर दिए हैं .... अदिति अपने कमड़े में चली जाती है .... और जा कर अलमीरा के सारा समान निकाल कर अच्छे से व्यवस्थित करती है उसी दौरान अदिति को एक तस्वीर मिलती है जिसे रिवान बहुत अच्छे से संभाल कर रखा था ....अदिति उस तस्वीर पर बंधे कपड़े को खोल कर देखना चाहती है लेकिन उसी वक़्त सुरभि जी आवाज़ लगाती है" बहू एक कप चाय लाना वो भी अदरक वाली ।।।"जी बुआ जी मैं अभी लाई ....