डिअर सर........1

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वो उमस भरी गर्मियों के गुजरने के दिन थे। नहाकर बाथरूम से बाहर निकलो तो दोबारा पसीने से नहाना हो जाता। पानी से इतनी ठंडक महसूस नहीं होती थी जितनी पसीने से।एनी अपनी सहेलियों के साथ इंटर्नशिप के लिए इस दुनिया में आई थी। पहले-पहल तो उसे यह एडवेंचर ट्रिप से कम नहीं लगा। लेकिन चार दिन में ही एडवेंचर की हवा निकल गई और उन्हें लगने लगा कि तीन महीने इस नर्क में कैसे कटेंगे।धूल उड़ाती सड़कें। न कैब और न ही टाइम पर कोई दूसरा साधन। केवल बस और शेयर्ड ऑटो रिक्शा। वो भी दिन में चुनिंदा बार।