Lash ki Surat

रात के करीब 12 बजे होंगे उस रात ठण्ड भी अपने चरम पर थी स्ट्रीट लाइट की रौशनी में कुहासे को नंगी आँखों से देखा जा सकता था रात में बस कुत्तो के भोकने की आवाजे ही गूंज रही थी जो उस रात के सन्नाटे को चीरती हुई और भी ज्यादा मनहूस लग रही थी वो डरावनी रात किसी आम इंसान की तो दिल की धड़कन को बंद करने का आसान रास्ता था समझ लीजिये         इसी ठण्ड में एक 18 - 20 साल का लड़का रियाज तन पर एक कुरता पहने ऊपर से एक चादर ओढ़े भूखे प्यासे अपने गाव सरगोधा