फाइल

फाइल   "भोला ओ भोला", पता नहीं ये भोला कहाँ मर गया। भोला... भोला: (ज़ोर से बोलते हुए) "आया साहब।" भोला तेज गति से चलते हुए लिपिक 'प्रवेश' के पास आया। भोला: (प्रवेश के घनाकार केबिन के पास आकर): "साहब आपने बुलाया!" प्रवेश: "भोला, इस फाइल को ले जाकर अनीश बाबू के ऑफिस में रख दो। अभी आ रहा होगा मणिराम फिर रोना धोना मचाएगा।" भोला: "साहब बुरा न मानें तो कुछ कहूँ?" प्रवेश: "हाँ बोलो" भोला: "साहब आप उसका काम कर दो। बेचारा दीन हीन दरिद्र सा; महीने भर से ऑफिस के चक्कर काट रहा है। और सच्ची बताऊँ,