कहने को शातिर दिमाग़ वाला स्पिन निशाने बाज़ था।प्लान था। माया को किस वक़्त सबक दें दिया जाये।जिस वक़्त वो बीस मंजिले फ्लेट मे किसी को कुछ कहने के लिए या गुफ़्तगू करने के लिए आयी थी।स्पिनर निशाने बाज़ किस और से आयी, और चली गयी। ये भयानक तरतीब किस की बनाई माहौल मे अजनबी गरमाहट थी। कोई भी नहीं जानता था।ये निशाने का दायरा बीस फुट था। जिसमे कोई आता जाता नहीं हो, बे तरतीब निशाना हुक्म की बेपरवाही थी।एक नहीं बहुत थे निशानेबाज़.... स्पीनर बंदूक और