जंगल - भाग 5

  • 531
  • 243

                       ------(जंगल )-------               कया सोचा था कया हो गया। वक़्त ऐसे कयो करता है। जिसे तुम आपना मान लेते हो दिल से मन से, वो सदमा कयो देता है, माधुरी के लिए कोट का फैसला "अचनचेत मौत थी " बशर्ते सब कुछ उसका भीड़ मे गुम हो चूका था।राहुल एक ऐसा शक्श था, जिसे बस उसका दादा ही जानता था। और खुद राहुल।परवार और बिजनेस।माधुरी की जितनी शादी प्रति उच्च तम प्रतिकिर्या थी।साहरणीय थी... वो पहली रात से आज तक यही समझ नहीं सकी