दो मित्र, अमित और सुनील, बचपन से ही साथ पढ़े और साथ खेले। दोनों का साथ ऐसा था कि लोग उनकी दोस्ती की मिसाल देते थे। अमित पढ़ाई में बहुत होशियार था, उसकी हर परीक्षा में अव्वल आने की आदत बन गई थी। दूसरी ओर सुनील पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगाता था। उसे खेलने-कूदने और मस्ती करने में ज्यादा मजा आता था। अमित का समय किताबों में बीतता, वहीं सुनील बहानों की खोज में रहता कि कैसे पढ़ाई से बचा जाए। समय बीतता गया, और जैसे-जैसे दोनों बड़े हुए, अमित की सफलता की ओर बढ़ने की ललक