प्रिया अपने घर तो चली गई परंतु अल्पा से पूछे गये उस प्रश्न का उत्तर न मिलने से उसकी जिज्ञासा और बढ़ती जा रही थी कि आख़िर उसका पति उसे मारता क्यों है। शाम को उसने अपने पापा को बताया, "पापा मैं आज कॉलेज नहीं गई।" "क्यों बेटा ...? यह तो ग़लत किया तुमने।" "पापा मैं सामने वाली अल्पा जी के पास गई थी।" "क्या ...? यह क्या कह रही हो तुम? वहाँ तो ताला लगा है।" "पापा मैंने आज उस ताले की चाबी बनवा ली है।" यह शब्द सुनते ही विनोद उठकर खड़े हो गए उनके आश्चर्य का ठिकाना