"मैं तुम्हारे लायक नही हूँ"क्यो"क्योकि मैं परित्यक्ता हूँ।तलाकशुदा"यह तुंमने पहले कभी बताया नही।""पहले कब यह बात चली।आज चली है तो बता रही हूं,"माया बोली,"मैं परित्यक्ता हू।तलाकशुदा औरत।इन मर्द द्वारा ठुकराई बासी औरत"कौन ऐसा मूर्ख मर्द था जिसने इतनी सुंदर और समझदार पत्नी को त्याग दिया"वह क्या करता।मेरे दामन में दाग़ लग चुका था।कलंक का टीका और ऐसी पत्नी को रखकर कौन समाज और लोगो की सुनता"माया तुम पहेलियों बुझा रही हो।तुमहारकोई बात मेरी समझ मे नही आ रही।साफ साफ कहो न"वो मेरा अतीत था।जिसे में याद करना नही चाहती"क्या मुझे अपना दोस्त नही मानती,"दीपेन बोला था",तुम ।ेेरे दोस्त ही नही