अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की सगाई तो हो गई थी लेकिन लूसी गन चलाने की प्रेक्टिस के लिए किशनगंज जाने के लिए अपने घर में ज़िद करती है तो भाभी उसे डांट कर चुप करा देती है। नाराज़गी से अपने आप को कमरे में बंद किया तो उसे उसी बच्ची ने दीदी कह कर पुकारा। वो खिड़की पर बैठी रो रही थी। उसे देखते ही लूसी अपनी नाराज़गी भूल कर हक्का बक्का सी उसके क़रीब आई और उसे हाथ पकड़ कर नीचे खड़ा किया। उसके आंसु अपने हाथों से साफ कर के बोली :" तुम कहां