स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 6

गर्भ संस्कार–1 (गर्भवती माँ द्वारा बच्चे से बातचीत)(शिशु को जीवन लक्ष्य के प्रति सजग करना)मेरे प्यारे शिशु मेरे राज दुलार, मैं तुम्हारी माँ हूँ माँ! मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, तुम मेरे गर्भ में पूर्ण रूप से सुरक्षित हो, तुम हर क्षण पूर्ण रूप से विकसित हो रहे हो। तुम मेरे हर भाव को समझ सकते हो क्योंकि तुम पूर्ण आत्मा हो। तुम परमात्मा की तरफ से मेरे लिए एक सुन्दरतम तोहफा हो, तुम शुभ संस्कारी आत्मा हो, तुम्हारे रूप में मुझे परमात्मा की दिव्य संतान प्राप्त हो रही है, परमात्मा ने तुम्हें सभी विलक्षण गुणों से परिपूर्ण करके ही