अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 70 (अंतिम भाग)

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जतिन और मैत्री दोनो समझदार थे... रिश्तो और एक दूसरे की भावनाओ के प्रति जिम्मेदार थे... वो दोनो जानते थे कि एक दूसरे पर अपना प्यार जाहिर करने का सिर्फ एक जिस्मानी रिश्ते बनाने का ही तरीका नही होता... बाकि और भी तरीके होते हैं... और जो तरीका जतिन और मैत्री दोनो ने ही आज अपनाया था एक दूसरे पर अपना प्यार जाहिर करने का और एक दूसरे को खुश करने का... वो तरीका उन तमाम तरीकों मे से ही एक था.... जहां एक तरफ मैत्री अपने मम्मी पापा को देखकर खुशी के मारे पागल सी हुयी जा रही थी वहीं