अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 67

रसोई मे हुये इस हंसी मजाक के बीच सब साथ मिलकर नाश्ता करने बैठ गये.... जतिन और मैत्री आमने सामने बैठे थे.... जहां एक तरफ मैत्री सुबह सुबह के इस खुशनुमा माहौल को देखकर बेहद खुश थी... वहीं जतिन मैत्री को खुश देखकर एक अलग ही फीलिंग लिये उसके सामने बैठा सबसे नजरें चुराते हुये बार बार उसे ही देख रहा था.... इधर मैत्री के दिल मे भी जतिन के लिये प्यार जैसे उमड़ सा रहा था... वो भी नजरें इधर उधर घुमाते हुये जतिन को ही बार बार देखे जा रही थी.... जब जतिन मैत्री की तरफ देखता तो