सीमा चौकी

  • 2k
  • 1
  • 564

सीमा चौकी   मई महीने के उत्तरार्ध की भीषण गर्मी से लोक निमार्ण विभाग की सड़क का तारकोल पिघल कर उन लोगों को शर्मिन्दा किये जा रहा था, जो इस विभाग की कारगुज़ारी पर छींटा-कशी करने से गुरेज नहीं करते थे। अलबत्ता बगल में बहता दरिया, रात के समय, अपने बरफ जैसे शीतल जल से गुज़रती हवाओं से लोगों को कांपने पर मजबूर कर देता था। मौसम के मिजाज़ के इस विचित्र दो राहे पर स्थित सीमा चौकी के प्रहरी दिन की ऊँघ को तिलांजलि देकर गोधूलि से पूर्व ही सजग होकर अपनी नित्यक्रिया पर निकल पड़ते थे। सरकारी पगार