तेरी मेरी यारी - 4

    (4)करन के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। मि.लाल भी कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इन सबके कारण कबीर परेशान था। करन उसका बचपन का दोस्त था। दोनों हमेशा साथ साथ रहते थे। एक ही स्कूल में पढ़ते थे। एक साथ ही स्कूल आते जाते थे।क्लास दो से शुरू हुई उनकी दोस्ती ग्यारहवीं क्लास तक आते आते बहुत मज़बूत हो गई थी। इतने सालों की दोस्ती में कई ऐसे पल थे जिन्हें याद कर कबीर करन के लिए और अधिक परेशान हो जाता था। दो साल पहले का एक ऐसा ही किस्सा था