८: स्वर्ग-नरक एक दिन झेनगुरू ओैर ईश्वर में ज्ञानचर्चा चल रही थी। झेनगुरूं ने ईश्वर से पुछा “ भगवन, मुझे स्वर्ग-नरक कैसे दिखते है यह जानने की बडी उत्सुकता है।” ईश्वर झेनमास्टरजी को लेकर, जहाँ स्वर्ग-नरक के दो दरवाजे थे वहाँ पहुँच गए। जब पहला दरवाजा खुल गया तब मास्टरजी ने देखा, एक