बारिश की बूंदें और वो - भाग 5

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अनसुलझी भावनाएँ एक दिन, स्नेहा ने आदित्य से पूछा, "क्या आप अपने जीवन में खुश हैं?" "कभी-कभी," आदित्य ने कहा, "लेकिन क्या यह खुशियाँ हमेशा रहती हैं? शायद नहीं।" उसने अपने मन की असंतोष को छुपाने की कोशिश की, लेकिन उसके चेहरे पर एक स्पष्ट चिंता की छवि थी। स्नेहा ने उसे देखा, उसकी आँखों में सवाल थे। "क्या आप कभी अपने जीवन के बारे में सोचते हैं, अपने सपनों और इच्छाओं के बारे में? क्या आप सोचते हैं कि क्या आपकी शादी आपकी खुशी में योगदान दे रही है?" आदित्य ने सिर झुकाया। "मैं यह सोचता हूं, लेकिन यह