इंद्रधनुष उतर आया...... 1

छत पर उदास सी अपने में खोई खड़ी थी राम्या। शायदअपने को खो देने की कोशिश में बस यूं ही खड़ी थी।सामने पार्क में रंग-बिरंगे फूल लहरा रहे थे। एक तोवसंत ऋतु, दूसरे उन फूलों की साज-सज्जा पार्क कोसंभालने वाले प्राधिकरण ने बहुत ही कलात्मक ढंगसे की थी। किसी कलाकार की कूची ने जैसे उन्हें हरओर छिटका दिया हो। बहुत ही करीने से उन फूलों काआकार दिया गया था। किसी हिस्से में सफेद फूलों केबड़े-बड़े गुच्छों को गोलाकार आकार देते हुए एक साथदस विशाल गुच्छे सजे थे तो कहीं सूरजमुखी की कतारेंथीं। लाल, पीला, बैंगनी, गुलाबी, नारंगी, नीला... किसरंग के