रात का समय, फातिमा हॉस्पिटल, यश ने मिसेज माथुर के पैर छूते हुए कहा, " हां ! " मिसेज माथुर ने उसे उठाते हुए कहा, " अरे नहीं बेटा, ठीक है । " तभी भरत ने कहा, " वैसे, भैया कहां हैं भाभी ? " ये सुन कर मिसेज माथुर की आंखों में नमी आ गई । उन्होंने अपनी आंखों में आते हुए आंसुओं को रोकते हुए कहा, " वो, अब इस दुनिया में नहीं रहे । " ये सुन कर भरत को तो जैसे विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन जैसे ही उनकी नजर मिसेज माथुर के सूने