पानी का पंचनामा

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पाठकीय प्रतिक्रिया पानी का पंचनामा –पानी को बचाओ तंत्र को नहीं यशवंत कोठारी पानी खुदा की नियामत है प्रकृति का वरदान है .लेकिन मानव व उसके निर्मित तंत्र ने खुद को बचाने के लिए पानी की हत्या कर दी . पानी को आम जन तक पहुँचाने के लिए मानव ने एक तंत्र बनाया और उसी तंत्र की कहानी है अरुण अर्णव खरे का एक मासूम उपन्यास –पानी का पंचनामा ,जिसे व्यंग्य –उपन्यास कहने में लेखक ने संकोच किया है .कभी भीष्म सहनी ने चीफ की दावत कहानी  लिख कर इस तंत्र का पर्दा फाश किया था . लेखक स्वयं इसी