मोरपंख

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शहर का सबसे नामी-गिरामी इंजीनियरिंग कॉलेज जहां दूसरे शहरों और गाँव से कई छात्र वहाँ पढ़ने के लिए आते, मगर वहाँ न तो पैसों का ज़ोर चलता था और न रुतबे का! वहाँ बस वही पढ़ सकते थे जो योग्य हों।    इसी कॉलेज के उस बड़े से क्लासरूम में फ़िल्हाल ऐसे ही छात्र बैठे थे। वो सब नव विद्यार्थी थे और आज उनका पहला लेक्चर होने वाला था। उस क्लासरूम की एक दीवार पर बनी बड़ी बड़ी खिड़कियों से धूप अंदर आ रही थी। उसी दीवार से सटकर, एक सीट पर वो घुँघराले बाल वाला शिव नामक युवक बैठा