अब तक :शिविका ने आंसू पोंछे और बोली " आपका दर्द समझ सकती हूं संयम.. । लेकिन आज एक खुशी का दिन है... मैं आपको बताना चाह रही थी कि... " ।शिविका ने इतना कहा ही था कि संयम ने उसे रोकते हुए कहा " उम्हुम्म... कहानी अभी पूरी नही हुई है... शिविका चौधरी... उर्फ.... मिष्ठा अग्रवाल... " ।ये सुनकर शिविका को समझ में नहीं आया कि आखिर संयम ये क्या कह रहा है... ?? ।शिविका " ये क्या कह रहे हैं आप.. ?? आप मुझे मिष्ठा अग्रवाल क्यों कह रहे हैं... ?? " ।अब आगे : संयम जेब में