शिविका जाने लगी तो om prakash ne उसका हाथ पकड़ लिया ।" अरे कहां उड़ चली... चिड़िया... । तेरे पंख अब कुतर दिए जा चुके हैं और बचे खुचे पंखों को अब मैं काटने वाला हूं... । हा हा हा.... " बोलते हुए om prakash उसे अपनी ओर खींच लिया ।शिविका जाकर उसके सीने से टकरा गई ।आदमी शिविका की उम्र से दुगने से भी काफी बड़ा था । और उपर से गठीले और शक्तिशाली बदन का स्वामित्व उसके पास था । शिविका उसका मुकाबला नहीं कर सकती थी । Om prakash ने अपनी बाहों में शिविका की कमर को