बैरी पिया.... - 40

शिविका हाथों को सिर पर रखे और आंखें बंद किए जोरों से चीख दी । ।सामने ताबूत में डॉक्टर की लाश थी । जिसपर जगह जगह कीलें लगी हुई थी । खून उसकी बॉडी में पूरी तरह से सूख चुका था । आंखें बाहर को निकल आई थी । उसकी हालत देखकर कोई भी सहम सकता था । और यही हाल इस वक्त शिविका का था । उसकी सांसें बोहोत तेज़ चल रही थी । उसे लगा मानो अब दिल धड़कना ही बंद कर देगा । वो कांपने लग गई थी ।तभी एक दरवाजा खुला और उस दरवाजे से दक्ष